संवाददाता मोकीम खान/अभिषेक श्रीवास्तव
किछौछा। सूफी संत सैयद मखदूम अशरफ सिमनानी की दरगाह पर चल रहे 638वें उर्स में सज्जादानशीन सय्यद मोहिउद्दीन अशरफ बसखारी से अपने लाव लस्कर के साथ खिरके का पिटारा एवं छड़ी मुबारक लेकर अशरफ पुल पर पहुंचे। यहां फोखरा एवं मलंग के साथ आलम शाह ने स्वागत कर जुलुस के साथ दरगाह स्थित लहदखाने पहुँचे। नमाज के बाद मखदूम अशरफ के वर्षों पुराने खिरके को जायरीन के दर्शन को सज्जादानशीन मोहिउद्दीन अशरफ सुरक्षा के साथ पहुंचकर रस्म गागर एवं खिरकापोशी कर छड़ी मुबारक का दीदार जायरीन को कराया। विश्व में अमन चैन एवं शांति के लिए विशेष दुआ भी मांगी। फोखराओं ने सूफी तराना एवं करतब दिखाते हुए जायरीन को सूफी संत के जीवन के विशेष पहलुओं पर ध्यान आकृष्ट कराया। कव्वालों ने सूफिया तराना गाकर दरगाह के उर्स में शमां बांध दिया। उर्स के आख़री दिन यानी 28 मोहर्रम को खानवादे अशरफिया के सैय्यद फैजान अशरफ चाँद, मखदूम अशरफ इंतेजामिया कमेटी के अध्यक्ष सैय्यद अज़ीज़ अशरफ, उपाध्यक्ष सैयद जहाँगीर अशरफ गुड्डु, सैयद अनीस अशरफ, सैयद मेराजुद्दीन, सैयद 'सेराज अशरफ, फ़हद अशरफ डॉ जेया अशरफ, अली रज़ा फैजी, सेखू मियां, मिनहाज अशरफ, नईम अशरफ मौजूद रहे।
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