किछौछा अम्बेडकरनगर ,आल इंडिया उल्मा व मशाईख़ बोर्ड के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं वर्ल्ड सूफ़ी फ़ोरम के चेयरमैन हज़रत सैय्यद मुहम्मद अशरफ़ किछौछवि ने ख़ानकाहे अशरफ़िया शेखे आज़म सरकारे कलाँ में उर्स मख़्दूम अशरफ़ सिमनानी के समापन के अवसर पर लोगों की संबोधित करते हुए  कहा कि हम सब यहाँ उर्स के मौक़े पर इकट्ठा हुए सब अपनी अपनी मुराद लेकर आये अक़ीदतों के गुल पेश किए अब सबको वापिस जाना है वक़्ते रूखसत है तो सबको अपने मख़्दूम का काम अंजाम देना है और वह काम यह है कि हमें अमन का सफ़ीर बनकर ज़मीन पर फैल जाना है ,मुहब्बत से सबके दिल जीतने हैं अगर किसी की किसी से रंजिश है तो वापिस पहुँचकर उसे दोस्ती में बदलने की कोशिश करनी है ।उन्होंने कहा कि याद रखना चाहिए कि मुहब्बत की शुरुआत घर से हो आपसी रिश्तों को बेहतर करें और ज़मीन पर हर तरफ़ अमन क़ायम करने में जो हो सके उतनी कोशिश ज़रूर करें ।हज़रत ने लोगों से कहा कि सब अपने अपने घर पहुँचकर एक एक पेड़ कम से कम मख़्दूम पाक के नाम से लगायें यह भी कारे ख़ैर है ।

हज़रत ने कहा वतन अज़ीज़ की तरक़्क़ी में अपना किरदार निभायें तालीम पर ख़ास ध्यान दें इसके  साथ हज़रत ने दुनिया में जारी दहशतगर्दी पर चिंता जताते  हुए कहा 

की हर तरफ़ आग की बारिश हो रही है ऐसे में हम सबकी ज़िम्मेदारी है कि मुहब्बत का पानी लेकर तैयार रहे ।उन्होंने पड़ोसी देश बांग्लादेश में चल रही हिंसा पर चिंता जताई और फ़िलिस्तीन सहित दुनिया में हर जगह हो रहे ज़ुल्म पर  कहा कि हम सब ज़ालिम के ख़िलाफ़ है और ज़ुल्म के ख़िलाफ़ अल्लाह की पनाह चाहते हैं ।अंत में  दुनिया में अमन के लिए दुआ हुई ख़ास तौर से भारत में बाढ़ और भूस्खलन से परेशान लोगों के लिए दुआ की गई इस दौरान सैयद हसन अशरफ़ ,सैयद मक़सूद अशरफ़, सैयद हम्माद अशरफ़ , सैय्यद नवाज सैयद असलम अशरफ़, सैयद हसन असकरी , सैयद गौस अशरफ़ समेत अन्य लोग मौजूद रहे।

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