संवाददाता। मोकीम खान/अभिषेक श्रीवास्तव


अम्बेडकर नगर। आल इंडिया उल्मा व मशाईख़ बोर्ड के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं वर्ल्ड सूफ़ी फ़ोरम के चेयरमैन हज़रत सैय्यद मुहम्मद अशरफ़ किछौछवि ने ख़ानकाहे अशरफ़िया शेखे आज़म सरकारे कलाँ में उर्स मख़्दूम अशरफ़ जहांगीर सिमनानी का आग़ाज़  परचमकुशाई की रस्म अदा करके किया इस अवसर पर उन्होंने कहा कि हम सब यहाँ उर्स के मौक़े पर इकट्ठा हैं और यहाँ से सबको अमन और भाईचारे का पैग़ाम लेकर जाना है ,उन्होंने कहा कि याद रखना चाहिए कि ज़ुल्म कहीं पर भी हो किसी पर भी हो हम किसी क़ीमत पर ज़ालिम के साथ नहीं खड़े हो सकते हमें मज़लूम  के साथ रहना है इसी का नाम हुसैनियत है ।

उन्होंने कहा कि ज़ुल्म चाहे फ़िलिस्तीन में इज़रायल के ज़रिये किया जाये या पाराचिनार में पाकिस्तान के ज़रिये ज़ुल्म सिर्फ़ ज़ुल्म है और ज़ालिम बाद ज़ालिम है हम हर हाल में ज़ालिम के ख़िलाफ़ हैं यही इन वालियों से हमारी सच्ची अक़ीदत है क्योंकि इन बारगाहों से यही संदेश मिलता है कि दुखियारो की मदद करो मज़लूम का साथ दो और किसी तरह का भेदभाव रंग नस्ल, मज़हब अमीर गरीब में मत करो ।

श्री अशरफ ने कहा अपने मुल्क से मुहब्बत और उसके लिए हर तरह की क़ुर्बानी ईमान की निशानी है और जहां भी दुनिया में लोग अपने मुल्क के लिए जद्दोजहद कर रहे हैं वह सब क़ाबिले एहतराम हैं वह दहशतगर्द नहीं यह बात उन्होंने मरहूम इस्माइल हानिया के ताल्लुक़ से कहते हुए कहा कि जिस तरह बेगुनाह लोगों का खून इज़राइल बहा रहा है ऐसे में उसके ख़िलाफ़ लड़ने वालों को दहशतगर्द कहने वाले ख़ुद अपने गिरेबान में झांकें क्योंकि इंसानियत और सच्चाई के साथ खड़ा होना ही इंसाफ़ है ।

परचमकुशाई के बाद दुनिया में अमन के लिए दुआ हुई ख़ास तौर से भारत में बाढ़ और भूस्खलन से परेशान लोगों के लिए दुआ की गई ।

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