लखनऊ: लाॅकडाउन के दौरान हर कोई सोशल मीडिया पर कुछ न कुछ नया कर रहा है। आजकल एक चेहरा फेसबुक पर खूब चर्चा बटोर रहा है। वजह है फेसबुक लाइव पर मोदी सरकार की नीतियों को लेकर लगातार मुखर होना। जब हमारी टेक्निकल टीम ने पड़ताल की तो पाया कि यह महिला उत्तर प्रदेश कांग्रेस की प्रवक्ता शुचि विश्वास श्रीवास्तव हैं। और काफी समय से सोशल मीडिया से लेकर टीवी चैनलों तक लगातार सरकार को उसकी नीतियों को लेकर घेरा करती हैं। फोन पर बातचीत में शुचि ने बताया कि बिना किसी पूर्व योजना के लागू किया गया लाॅकडाउन आज हर किसी के लिए समस्या बन गया है। प्रवासी मजदूर घर की तरफ पैदल रवाना हैं तो छोटे से मध्यम वर्ग के कारोबारी अपने व्यवसाय को लेकर लगातार चिंतित हैं। सरकार ने प्रवासियों के घर लौटने के लिये 'श्रमिक स्पेशल' ट्रेन तो चलाई है लेकिन जगह- जगह टिकटों के पैसे वसूलीकरण की खबरें आ रही हैं जो काफी दुखद है। क्योंकि हर कोई लाॅकडाउन के शुरूआत से ही घरों में कैद है। और प्रवासी मजदूर तो घर से दूर दैनिक भोजन के लिए संघर्ष कर रहा है। ऐसे में टिकटों का किराया वसूला जाना बेहद दुखद है। शुचि ने आगे बताया कि वह काफी समय से सोशल मीडिया पर सक्रिय हैं लेकिन आजकल घर पर होने के कारण कुछ ज्यादा ही हैं। क्योंकि घर के कामकाज से जब भी समय मिलता है तो वर्तमान मुद्दों को गहराई से समझकर फेसबुक लाइव के माध्यम से लोगों से रूबरू हो रही हैं।
लखनऊ: लाॅकडाउन के दौरान हर कोई सोशल मीडिया पर कुछ न कुछ नया कर रहा है। आजकल एक चेहरा फेसबुक पर खूब चर्चा बटोर रहा है। वजह है फेसबुक लाइव पर मोदी सरकार की नीतियों को लेकर लगातार मुखर होना। जब हमारी टेक्निकल टीम ने पड़ताल की तो पाया कि यह महिला उत्तर प्रदेश कांग्रेस की प्रवक्ता शुचि विश्वास श्रीवास्तव हैं। और काफी समय से सोशल मीडिया से लेकर टीवी चैनलों तक लगातार सरकार को उसकी नीतियों को लेकर घेरा करती हैं। फोन पर बातचीत में शुचि ने बताया कि बिना किसी पूर्व योजना के लागू किया गया लाॅकडाउन आज हर किसी के लिए समस्या बन गया है। प्रवासी मजदूर घर की तरफ पैदल रवाना हैं तो छोटे से मध्यम वर्ग के कारोबारी अपने व्यवसाय को लेकर लगातार चिंतित हैं। सरकार ने प्रवासियों के घर लौटने के लिये 'श्रमिक स्पेशल' ट्रेन तो चलाई है लेकिन जगह- जगह टिकटों के पैसे वसूलीकरण की खबरें आ रही हैं जो काफी दुखद है। क्योंकि हर कोई लाॅकडाउन के शुरूआत से ही घरों में कैद है। और प्रवासी मजदूर तो घर से दूर दैनिक भोजन के लिए संघर्ष कर रहा है। ऐसे में टिकटों का किराया वसूला जाना बेहद दुखद है। शुचि ने आगे बताया कि वह काफी समय से सोशल मीडिया पर सक्रिय हैं लेकिन आजकल घर पर होने के कारण कुछ ज्यादा ही हैं। क्योंकि घर के कामकाज से जब भी समय मिलता है तो वर्तमान मुद्दों को गहराई से समझकर फेसबुक लाइव के माध्यम से लोगों से रूबरू हो रही हैं।
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