*न्यूज़ रिपोर्टर जावेद सिद्दीकी*
प्रदेश सरकार द्वारा भूमि जल स्तर बढ़ाने के लिए तालाबों की कायाकल्प करने में जुटी है वहीं बसखारी ब्लॉक परिसर से चंद कदमों पर दूरी स्थित तालाबों की दुर्दशा गंदे नालों की चलते हो रही है और न हीं ग्राम पंचायत रहते हुए बसखारी के तालाबों की स्थिति में सुधार हो सका और न ही नगर पंचायत में विस्तारीकरण के बाद ग्राम पंचायत बसखारी को सम्मिलित किए जाने के बाद भी तालाबों के कायाकल्प पर कोई ठोस कार्य हो सका जिसके चलते बसखारी बाजार के जलस्तर में भारी गिरावट हुई वहीं पेयजल स्रोत भी दूषित हो गया और जलकल विभाग द्वारा बसखारी बाजार के भूमिगत जल को पीने से आयोग ठहरा दिया गया फिर भी संबंधित अधिकारियों एवं नगर पंचायत का ध्यान तालाबों के कायाकल्प की तरफ नहीं जा पाया और टांडा रोड पर स्थित तालाब में गंदा जल गिराया जा रहा है कमोवेश यही स्थिति किछौछा स्थित तालाबों की भी है जिसमें आज भी गंदे जल को तालाब में गिरा कर जल स्रोत को दूषित करने में संबंधित विभाग कोई परहेज नहीं कर रहा है। नगर वासी वेद प्रकाश त्रिपाठी ने बताया कि यदि नाले का पानी तालाब में गिराने से पहले पानी को डैम में स्टोर करके तालाब में गिराया जाए । वही मंगला प्रसाद ने कहा कि तालाब में गंदा जल गिराए जाने से जहां तालाब का जल दूषित हो रहा है वहीं जलीय जीव भी नहीं पनप पा रहे हैं इस संदर्भ में पूछे जाने पर नगर पंचायत अशरफपुर किछौछा अध्यक्ष प्रतिनिधि गौस अशरफ ने बताया कि नालियों के निर्माण तथा उस पर डैम बनाने के लिए प्रस्ताव भेजा गया है शासन स्तर से प्रस्ताव पास होता है तो नालो के पानी को पहले डैम में स्टोर कर छोड़ा जाएगा।
प्रदेश सरकार द्वारा भूमि जल स्तर बढ़ाने के लिए तालाबों की कायाकल्प करने में जुटी है वहीं बसखारी ब्लॉक परिसर से चंद कदमों पर दूरी स्थित तालाबों की दुर्दशा गंदे नालों की चलते हो रही है और न हीं ग्राम पंचायत रहते हुए बसखारी के तालाबों की स्थिति में सुधार हो सका और न ही नगर पंचायत में विस्तारीकरण के बाद ग्राम पंचायत बसखारी को सम्मिलित किए जाने के बाद भी तालाबों के कायाकल्प पर कोई ठोस कार्य हो सका जिसके चलते बसखारी बाजार के जलस्तर में भारी गिरावट हुई वहीं पेयजल स्रोत भी दूषित हो गया और जलकल विभाग द्वारा बसखारी बाजार के भूमिगत जल को पीने से आयोग ठहरा दिया गया फिर भी संबंधित अधिकारियों एवं नगर पंचायत का ध्यान तालाबों के कायाकल्प की तरफ नहीं जा पाया और टांडा रोड पर स्थित तालाब में गंदा जल गिराया जा रहा है कमोवेश यही स्थिति किछौछा स्थित तालाबों की भी है जिसमें आज भी गंदे जल को तालाब में गिरा कर जल स्रोत को दूषित करने में संबंधित विभाग कोई परहेज नहीं कर रहा है। नगर वासी वेद प्रकाश त्रिपाठी ने बताया कि यदि नाले का पानी तालाब में गिराने से पहले पानी को डैम में स्टोर करके तालाब में गिराया जाए । वही मंगला प्रसाद ने कहा कि तालाब में गंदा जल गिराए जाने से जहां तालाब का जल दूषित हो रहा है वहीं जलीय जीव भी नहीं पनप पा रहे हैं इस संदर्भ में पूछे जाने पर नगर पंचायत अशरफपुर किछौछा अध्यक्ष प्रतिनिधि गौस अशरफ ने बताया कि नालियों के निर्माण तथा उस पर डैम बनाने के लिए प्रस्ताव भेजा गया है शासन स्तर से प्रस्ताव पास होता है तो नालो के पानी को पहले डैम में स्टोर कर छोड़ा जाएगा।
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