न्यूज़ रिपोर्टर जावेद अहमद सिद्दीकी।
बसखारी के आसपास के क्षेत्रों में ईदुल अजहा का त्यौहार बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। सुबह से ही छोटे बच्चे रंग बिरंगे कपड़ों में चहचहाते नजर आये।वही बड़े एक दूसरे को गले लग ईद उल अजहा की बधाई देते रहे। सारे शिकवे गिले मिटा कर लोगों ने नफरत भूल कर कुर्बानी के दिन गले लग एक दूसरे को मुबारकबाद दी बसखारी के कादरिया अशराफिया मस्जिद में 7:45 पर क़ारी अशरफ रज़ा ने नमाज अदा कराई। वही मौलाना मोहम्मद सिद्दीक ने जामा मस्जिद बसखारी में सुबह 8:00 बजे ईदुल अजहा की नमाज अदा कराई तथा बसखारी क्षेत्र के सबसे बड़े ईदगाह पर भिदूण में भी ईद-उल अजहा की नमाज़ अदा की गई।ईदुल अज़हा का त्यौहार बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया और एक दूसरे को बधाई देने के लिए लोग घरों पर पहुंचकर गले लग प्राचीन परंपरा का निर्वहन किया। बसखारी थानाध्यक्ष मनबोध तिवारी पूरे क्षेत्र में कोई अप्रिय घटना ना होने पाए इसके लिए पूरे दल बल के साथ गश्त करते हुए नज़र आये।
बसखारी के आसपास के क्षेत्रों में ईदुल अजहा का त्यौहार बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। सुबह से ही छोटे बच्चे रंग बिरंगे कपड़ों में चहचहाते नजर आये।वही बड़े एक दूसरे को गले लग ईद उल अजहा की बधाई देते रहे। सारे शिकवे गिले मिटा कर लोगों ने नफरत भूल कर कुर्बानी के दिन गले लग एक दूसरे को मुबारकबाद दी बसखारी के कादरिया अशराफिया मस्जिद में 7:45 पर क़ारी अशरफ रज़ा ने नमाज अदा कराई। वही मौलाना मोहम्मद सिद्दीक ने जामा मस्जिद बसखारी में सुबह 8:00 बजे ईदुल अजहा की नमाज अदा कराई तथा बसखारी क्षेत्र के सबसे बड़े ईदगाह पर भिदूण में भी ईद-उल अजहा की नमाज़ अदा की गई।ईदुल अज़हा का त्यौहार बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया और एक दूसरे को बधाई देने के लिए लोग घरों पर पहुंचकर गले लग प्राचीन परंपरा का निर्वहन किया। बसखारी थानाध्यक्ष मनबोध तिवारी पूरे क्षेत्र में कोई अप्रिय घटना ना होने पाए इसके लिए पूरे दल बल के साथ गश्त करते हुए नज़र आये।
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