लखनऊ। 2017 का वो दौर याद ही होगा आपको जब समाजवादी पार्टी में हाहाकार मचा था। मुख्यमंत्री थे अखिलेश यादव और लड़ाई थी विरासत को पाने की चाचा, भतीजे और पिता के बीच रोज़ाना कोई ना कोई घटना घटित हो रही थी चाहे वह अखिलेश यादव के पार्टी से निष्कासित किए जाने की या फिर पद से हटाए जाने के समाचार से अखिलेश समर्थकों में बेचैनी और कड़कड़ाती ठंड में गर्मी का माहौल बनता बिगड़ता सभी ने देखा था और आज भी उस घटना का ज़िक्र आते ही सबके आँखो के सामने वह मंज़र नज़र आने लगता है। कड़ाके की ठंड में लाखों की संख्या में समजवादी पार्टी कार्यालय से लेकर मुख्यमंत्री आवास तक अखिलेश समर्थकों का हुजूम उमड़ा रहता था और उसी भीड़ में बहुत से समर्थक अपनी जवानी और जान क़ुर्बान करने के लिए आतुर थे।
राजनीतिक विरासत को पाने के लिए जारी जद्दोजहद के बीच जब समचार आया की अखिलेश यादव का एक समर्थक अखिलेश यादव के कड़के की ठंड में टावर पर चढ़कर जान की बाज़ी लगाकर अखिलेश यादव के समर्थन में परदर्शन करने लगा था उसी में एक युवा नेता थे कुँवर ऋतेश सिंह जो मौजूदा समय में छात्र सभा के प्रदेश उपाध्यक्ष है और आज जेल की हवा खा रहे है।
सत्ता से विपक्ष में आने के बाद मौजूदा योगी सरकार के राज में उत्तर प्रदेश पुलिस ने एक फ़र्ज़ी मुक़दमे में फँसाकर जेल भेज दिया है।
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